आइये खाना ले जाइए और रमिया बच्चों को ले आवाज की दिशा में दौड़ पड़ी। आइये खाना ले जाइए और रमिया बच्चों को ले आवाज की दिशा में दौड़ पड़ी।
नासमझ थी, सोचती रही सिखा रही हूँ तुम्हें, पर शुक्रिया…. मुझे इश्क़ सिखाने के लिए। नासमझ थी, सोचती रही सिखा रही हूँ तुम्हें, पर शुक्रिया…. मुझे इश्क़ सिखाने क...
दिल करता है, जिंदगी तुझे दे दूं। दिल करता है, जिंदगी तुझे दे दूं।
लड़ो हक़ के लिए... लड़ो हक़ के लिए...
निढाल शरीर को सहलाती हैं मेरे चाँद की शीतल किरणें निढाल शरीर को सहलाती हैं मेरे चाँद की शीतल किरणें
जब व्यक्ति को उसका हासिल भी न मिले... जब व्यक्ति को उसका हासिल भी न मिले...